Kashmir Hijab Ban Controversy Over Hijab In Kashmir Students Protest Strongly National Conference Reacts Ann

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Kashmir Hijab Row: हिजाब विवाद मुस्लिम बहुल कश्मीर तक पहुंच गया. यहां कई छात्राओं ने गुरुवार (जून) को अबाया पहनकर स्कूल में प्रवेश पर बैन को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. श्रीनगर के रैनावाड़ी इलाके में विश्व भारती महिला कॉलेज के कैंपस में प्रवेश करने से रोकी गईं कई छात्राओं ने इस कदम पर नाराजगी जताई.

छात्रों ने प्रशासन के हिजाब बैन के आदेश को गलत बताते हुए विरोध-प्रदर्शन किया और धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए अबाया हटाने से इनकार कर दिया. छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर इस मुद्दे पर धार्मिक और सांप्रदायिक बयान देने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारी छात्रों में से एक ने कहा, “अबाया मेरे धर्म का हिस्सा है और वे हमें इसे हटाने के लिए कह रहे हैं. जब अन्य स्कूलों में इसकी अनुमति है तो मैं अपना कवर क्यों हटाऊं.”

अधिकारियों से भिड़े छात्र

कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से पहले अबाया को हटाने के लिए कहने पर छात्राएं कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों से भिड़ गईं. प्रवेश पर अवैध बैन का विरोध कर रही एक अन्य छात्रा ने कहा, “वे हमें अबाया को हटाने या किसी दरसगाह (धार्मिक स्कूल) में जाने के लिए कह रहे हैं. क्या अबाया पहनने वाली लड़कियों को शिक्षा का अधिकार नहीं है?”

नेशनल कांफ्रेंस ने दी कड़ी प्रतिक्रिया 

वहीं, इस आदेश की राजनीतिक प्रतिक्रिया भी हुई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने ट्वीट करके कहा, “हिजाब पहनना एक व्यक्तिगत पसंद होना चाहिए और धार्मिक पोशाक के मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में ऐसी घटनाओं को देखना दुर्भाग्यपूर्ण है. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई का आग्रह करते हैं.”

स्कूल प्रशासन ने क्या कहा?

हालांकि, स्कूल प्रशासन ने कहा है कि इस मुद्दे पर कुछ गलतफहमी हुई है, क्योंकि छात्रों को स्कूल के अंदर चेहरा खुला रखने के लिए कहा गया था. यह माता-पिता से उनके बच्चों के स्कूल छोड़ने की कई शिकायतों के बाद किया गया था.

प्रॉक्सी अटेंडेंस की जाती है

स्कूल के एक शिक्षक ने कहा, “अगर छात्रा का चेहरा पूरी तरह से ढका हुआ है, तो एक शिक्षक के लिए छात्रा की पहचान करना मुश्किल होता है और कुछ मामलों में, प्रॉक्सी अटेंडेंस की जाती है, जिससे हमें आदेश जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है,” 

स्थानीय आबादी से प्रतिक्रिया का डर

कश्मीर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में यह एक बहुत ही विस्फोटक मुद्दा है. अगर इस मुद्दे पर गलतफहमियों को जल्दी से हल नहीं किया जाता है तो शिक्षकों को स्थानीय आबादी से गंभीर प्रतिक्रिया का डर है. हालांकि, छात्रों को बाद में स्कूल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई और स्कूल अधिकारियों ने जरूरी संशोधन करने का वादा किया. उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड पर स्पष्टीकरण के साथ एक नया आदेश कुछ दिनों में जारी किया जाएगा.

छात्राओं को कभी नहीं रोका गया- प्रिंसिपल 

इस बीच, स्कूल के प्रिंसिपल मीम रोज शफी ने दावा किया कि भले ही स्कूल का अपना ड्रेस कोड है और कुछ लड़कियां ‘अबाया’ भी पहनती हैं, लेकिन उन्हें कभी नहीं रोका गया. प्रिंसिपल ने कहा, “कल, मैंने शिक्षकों को सूचित किया कि वे उन छात्रों से स्कूल परिसर में अबाया न पहनने के लिए कहें, लेकिन वे मर्यादा बनाए रखने के लिए स्कूल परिसर में पहुंचने तक अबाया में आ सकती हैं.”

प्रिंसिपल मीम रोज शफी ने कहा कि इसमें कोई उच्च अधिकारी शामिल नहीं है लेकिन, “मेरा मानना है कि एक उचित ड्रेस कोड है जिसका हर जगह पालन किया जा रहा है और यहां भी इसका पालन किया जाएगा.” उन्होंने कहा, हम उन सभी छात्रों के लिए अबाया के उचित रंग और पैटर्न की घोषणा करेंगे जो इसे पहनकर स्कूल आना चाहते हैं. हम संस्थान में रंग-बिरंगे अबाय का पालन नहीं करने दे रहे हैं.

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Nilesh Desai
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