Assam First Third Gender Judge: असम की फर्स्ट थर्ड जेंडर जज स्वाति बिधान बरुआ को कथित हत्या के आरोप में शुक्रवार (1 मार्च, 2024) को गिरफ्तार किया गया है. बरुआ थर्ड जेंडर के अधिकारों की वकालत करने के लिए जानी जाती हैं.
इंडिया टुडे एनई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वाति बिधान बरुआ देश की थर्ड जेंडर न्यायाधीश हैं. शनिवार (2 मार्च) को गुवाहाटी में आयोजित होने वाली लोक अदालत में 20 न्यायाधीशों में से एक के रूप में उपस्थित भी होंगी.
परिवार के खिलाफ आवाज उठाने पर आई थीं सुर्खियों में
स्वाति ने लंबे समय तक थर्ड जेंडर के अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ी थी और अपनी नियुक्ति होने पर खुशी जताई थी. वह उस समय सुर्खियों में आई थीं जब लिंग परिवर्तन को लेकर परिवार के खिलाफ 2012 में बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Swati Bidhan Baruah, Assam’s 1st transgender judge&petitioner within the matter of exclusion of round 2,000 transgenders from NRC: Most transgenders have been deserted, they do not have paperwork pertaining to earlier than 1971. Objection functions did not comprise ‘others’ as gender class pic.twitter.com/h8iuvLjdzB
— ANI (@ANI) September 17, 2019
NRC मुद्दे पर भी थर्ड जेंडर का उठा चुकी हैं मामला
इससे पहले उनकी तरफ से नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) में थर्ड जेंडर का विकल्प न होने को लेकर 4 साल पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में उन्होंने कहा था कि ट्रांसजेंडरों को एनआरसी में शामिल करने के लिए पुरुष या महिला के विकल्प को चुनने को मजबूर किया गया. इससे करीब 2000 किन्नर एनआरसी से बाहर हैं. स्वाति बिधान बरुआ ने कहा था कि अधिकांश थर्ड जेंडर को घर से बेघर कर दिया जाता है. इस वजह से उनके पास कोई डॉक्युमेंट नहीं होता है. इनके पास भी 1971 से पहले के दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं.
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