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Supreme Court Notice to Central government Punjab and Haryana government over PIL regarding MSP of alternative crops

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Supreme Court Hearing On MSP: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 अप्रै‌ल) को केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है. इसमें किसानों द्वारा उगाई जाने वाली वैकल्पिक फसलों के लिए एमएसपी तय करने और समय-समय पर इसे बढ़ाते रहने की मांग की गई है.  

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र, पंजाब और हरियाणा राज्यों के साथ ही, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कृषि विश्वविद्यालयों और आईसीएआर को भी नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. पीठ ने अब मामले को जुलाई के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. 

क्या है मामला?

न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील चरणपाल सिंह बागरी की याचिका में “वैकल्पिक फसलों” के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य धान के एमएसपी से अधिक तय करने की मांग की गई है.

उन्होंने कहा, “पंजाब, हरियाणा के किसान गेहूं और धान की फसल उगाने में असहाय हैं. इस पर एमएसपी है और सरकार द्वारा खरीद के बावजूद कि धान की फसल उगाने में कई बाधाएं सामने आई हैं. भूमिगत पीने योग्य पानी की तेजी से कमी, पराली के कारण प्रदूषण और मौसम में लगातार बदलाव की वजह से खेती मुश्किल हुई है. उन्होंने कहा कि इसलिए, किसानों को प्रत्येक फसल का एमएसपी तय करके भौगोलिक स्थिति और मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार नई फसलें उगाने की सुविधा दी जानी चाहिए.

MSP पर याचिका में ये है सुझाव

याचिका में यह भी मांग की गई कि कृषि विश्वविद्यालयों को विदेशों से आयातित होने वाले प्लस और अन्य फसलों के बीजों की नई किस्म उपलब्ध करानी चाहिए. बागरी ने सुझाव दिया है, “एमएसपी उच्च दरों पर होना चाहिए और एक शर्त लगाई जानी चाहिए कि किसानों को सीमित मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करना होगा, ताकि नागरिकों को जैविक फसलें प्रदान की जा सकें.” उन्होंने कहा कि एमएसपी और सरकारी खरीद के अभाव में किसानों की हालत दयनीय है.

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