Parliament Security Breach Case All Six Accused Has Been Put Together Delhi Police Special Cell Interrogated

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Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में सेंधमारी मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपियों से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने अब आमने-सामने बैठा कर पूछताछ की है. इन सभी को आज गुरुवार (21 दिसंबर) को कोर्ट में पेश करने से पहले पूछताछ कर इनका बयान रिकॉर्ड किया गया है.

एबीपी न्यूज के सूत्रों ने बताया है कि संसद भवन में घुसकर हंगामा करने की प्लानिंग और बाकी सीक्वेंस को समझने के लिए सभी से आमने-सामने पूछताछ की गई है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि पकड़े गए आरोपियों में से कोई पुलिस को गुमराह तो नहीं कर रहा है, इस बारे में स्थिति स्पष्ट हो सके. सभी के बयान मिलाए गए हैं.

घटना के सीक्वेंस को समझना चाहती है दिल्ली पुलिस
पिछले सप्ताह 13 दिसंबर को संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाकर हंगामा करने के बाद गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपियों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में अलग-अलग यूनिट में रखा था. बुधवार (20 दिसंबर) को इन सभी को एनएफसी ले जाकर कंफ्रट किया गया और उसके बाद आमने-सामने बैठा कर पूछताछ हुई.

पूरी घटना के सीक्वेंस को दिल्ली पुलिस ने समझा है. कब, कैसे, क्या प्लानिंग हुई, कौन-कौन लोग शामिल हैं और इनका मकसद क्या था, इस बारे में समझने की कोशिश हो रही है. इस बीच गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों में से चार लोगों को आज कोर्ट में दोबारा पेश किया जाएगा. दिल्ली पुलिस इन्हें अपनी डिमांड पर फिर मांगेगी.

व्हाट्सएप ग्रुप में प्लानिंग बनाते थे आरोपी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ये सारे आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने छह व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे. जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरोपी और इन व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्य नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे और संबंधित वीडियो क्लिप भी साझा करते थे.

लोकसभा में 13 दिसंबर को दो व्यक्ति – सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन कक्ष में कूद गए थे और इस दौरान ‘केन’ से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए. दोनों को बाद में कुछ सांसदों ने पकड़ लिया था. लगभग उसी समय, संसद भवन परिसर के बाहर दो लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन धुआं छोड़ते हुए प्रदर्शन किया था. चारों के अलावा पुलिस ने कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है. उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने मंगाया व्हाट्सएप चैट का पूरा विवरण, मैसूर में की थी मीटिंग
सूत्रों ने बताया कि पुलिस को ‘मेटा’ से इन व्हाट्सएप ग्रुप के सभी सदस्यों के साथ-साथ उनकी ‘चैट’ का विवरण भी मिला है. सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सुरक्षा में सेंध की योजना बनाने के लिए ‘सिग्नल’ एप पर भी बात करते थे और पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे. एक अधिकारी ने कहा कि मैसूर के रहने वाले मनोरंजन ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था.

पुलिस उन चार आरोपियों के फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत ने कथित तौर पर नष्ट कर दिए गए थे. ललित की निशानदेही पर पुलिस ने फोन के जले हुए टुकड़े पहले ही बरामद कर लिए हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

 ये भी पढ़ें:Opposition MPs Suspended: संसद से सांसदों के निलंबित होने पर विपक्षी दलों के कई नेता खामोश, इस वजह से उठ रहे सवाल


Nilesh Desai
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