Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बौद्ध धर्म में आस्था को लेकर सवाल उठाए थे. मामले पर बौद्ध भिक्षु शीलरत्न ने मल्लिकार्जुन खरगे को जवाब देते हुए कहा कि उनका बयान आधारहीन और गलत है. उन्होंने कहा कि जब से मोदी सरकार आई है तब से बौद्ध धर्म के लिए जितना काम हुआ उतना काम किसी भी सरकार में नहीं हुआ.
दरअसल, न्यूज 24 चैनल को दिए इंटरव्यू में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था, ‘पीएम के बौद्ध धर्म पर विश्वास नहीं करते हैं’. जिसके बाद अब बयान पर विवाद होना शुरू हो गया है. इसको लेकर बौद्ध भिक्षु ने आगे कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बुद्ध सेंटर पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना की गई. जो भी लोग विदेश से आते हैं वो सीधा कुशीनगर आते. पीएम मोदी और सीएम योगी की सरकार बुद्ध धर्म के वेल्फेयर के लिए लगातार काम कर रही है.”
‘मनमोहन सरकार में बुद्ध पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया’
इसके अलावा भारतीय बुद्ध संघ के अध्यक्ष संघप्रिया राहुल ने भी कांग्रेस अध्यक्ष के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने 2014 में तालकटोरा स्टेडियम में भगवान बुद्ध की जयंती मनाई थी. आजादी के बाद ये पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री ने बुद्ध जयंती मनाई. वो जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने बुद्ध की मूर्ति को गुजरात विधानसभा और सीएम आवास पर स्थापित किया था.” उन्होंने आगे कहा, “मैं मल्लिकार्जुन खरगे से पूछना चाहता हूं कि जब मनमोहन सरकार सत्ता में थी तब आपने बुद्ध पर ध्यान क्यों नहीं दिया, आपने बुद्ध को सेलिब्रेट क्यों नहीं किया?”
#WATCH | On Congress president Mallikarjun Kharge questioning PM Modi’s religion in Buddhism, Bhante Sanghpriya Rahul, President of Bharatiya Baudh Sangh says “Mallikarjun Kharge’s remark is condemnable. For the first time in 2014, PM Modi celebrated the birthday of Lord Buddha at… pic.twitter.com/a8ZuJ89vO4
— ANI (@ANI) April 26, 2024
पीएम मोदी पर उठाया था सवाल
गैरतलब है कि एक एक इंटरव्यू के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी के बौद्ध धर्म में विश्वास पर सवाल उठाया था. खरगे ने कहा, “भगवान बुद्ध को बिष्णु का नौवां अवतार माना जाता है लेकिन वो नहीं चाहते कि लोग उनके करीब जाएं. उत्तराखंड में एक कानून है अगर कोई भी व्यक्ति बौद्ध धर्म को अपनाना चाहता है तो उसे डीएम के पास जाना होता है. बौद्ध धर्म की स्थापना भारत में हुई लेकिन पीएम मोदी इसमें विश्वास नहीं रखते हैं.”
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