JNU VC Shantishree Pandit says Nehru Indira Gandhi were not fools uniformity does not work in India | JNU VC Shantishree: ‘बेवकूफ नहीं थे नेहरू

Date:


JNU VC Shantishree On Jawaharlal Nehru: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा है कि भारत में धर्म, भाषा और ‘ड्रेस कोड’ में समानता कारगर नहीं है, क्योंकि यह देश केवल एक समुदाय विशेष के लिए नहीं है. इसके लिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का भी उदाहरण दिया.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पंडित ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को व्यक्तिगत पसंदों का सम्मान करना चाहिए और जो छात्राएं हिजाब पहनना चाहती हैं तो उन्हें इसकी अनुमति देनी चाहिए.

हिंदी को लेकर कही ये बात

शांतिश्री डी पंडित ने कहा, ‘‘मैं धर्म, जाति या भाषा में एकरूपता पर सहमत नहीं हूं. एक भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए. अगर कुछ लोग कुछ राज्यों में इसे (आधिकारिक भाषा को) बदलकर हिंदी करना चाहते हैं तो वे कर सकते हैं, लेकिन दक्षिण में यह मुश्किल होगा. पूर्वी भारत में, यहां तक कि महाराष्ट्र में मुझे नहीं लगता कि हिंदी स्वीकार्य होगी.’’

जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी बेवकूफ नहीं थे’

कुलपति ने कहा, ‘‘मैं कहूंगी कि हिंदी हो सकती है लेकिन एक ही भाषा नहीं थोपी जानी चाहिए. (जवाहरलाल) नेहरू और इंदिरा गांधी दोनों त्रि-भाषा फॉर्मूले की बात करते थे तो वे मूर्ख तो नहीं थे, क्योंकि भारत में, किसी भी रूप में एकरूपता काम नहीं करती है.’’
वह हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने और शिक्षण में माध्यम की मुख्य भाषा बनाने की मांगों के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं. उन्होंने कहा, ‘‘भाषा संवेदनशील मुद्दा है. सभी को इसे लेकर सावधानी बरतनी चाहिए ’’

पंडित ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सभी को बहुभाषी होना चाहिए क्योंकि भारत में हम सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाते हैं। सभी भाषाएं अच्छी हैं। मैं किसी भाषा के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मेरे लिए मैं सबसे अधिक सहज अंग्रेजी में हूं।’’

शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड व्यक्तिगत पसंद होनी चाहिए’

शिक्षण संस्थानों में ‘ड्रेस कोड’ पर उनके विचार पूछे जाने पर पंडित ने कहा कि यह एक व्यक्तिगत पसंद होनी चाहिए.‌ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ड्रेस कोड के खिलाफ हूं. मुझे लगता है कि खुलापन होना चाहिए. अगर कोई हिजाब पहनना चाहता है तो यह उसकी पसंद है और अगर कोई इसे नहीं पहनना चाहता है, तो उसे मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.’’

पंडित ने कहा, ‘‘जेएनयू में लोग शॉर्ट्स पहनते हैं तो कुछ लोग पारंपरिक परिधान भी पहनते हैं. ये उनकी पसंद का मामला है. जब तक वे मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं करते, मुझे कोई समस्या नहीं है.’’

ये भी पढ़ें:Lok Sabha Elections 2024: ‘रामनवमी पर जहां भड़की हिंसा, वहां नहीं होने देंगे लोकसभा चुनाव’, कलकत्ता HC ने क्यों दी ये चेतावनी? जानें


Nilesh Desai
Nilesh Desaihttps://www.TheNileshDesai.com
The Hindu Patrika is founded in 2016 by Mr. Nilesh Desai. This website is providing news and information mainly related to Hinduism. We appreciate if you send News, information or suggestion.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

India’s Panchayati Raj system highlights strides made in women’s management: Ruchira Kamboj

Speaking at India's #CPD57 aspect occasion, India's Permanent...

Centre imposes 40% export duty on onion effective from today

In a notification, the finance ministry mentioned the...

Fruits pack a punch in India’s mocktail market

CHENNAI: Fuelled by a shift to more healthy...

Eyes on small biz: Google apps tap into Bengali, Tamil & Telugu

LAS VEGAS: Google has added Bengali, Tamil and...