Jharkhand Political Crisis: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को घेरा है. शुक्रवार (2 फरवरी, 2024) को उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पूर्व में टि्वटर) के जरिए कहा- मैं ताकतवर आदिवासी नेता हेमंत सोरेन की नाजायज गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती हूं. यह बदले की भावना से जुड़ा घटनाक्रम है जिसके पीछे बीजेपी समर्थित केंद्रीय एजेंसियां हैं. यह एक चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश है.
टीएमसी चीफ ममता बनर्जी के मुताबिक, हेमंत सोरेन उनके करीबी दोस्त हैं और वह उनके साथ इस घड़ी में खड़ी हैं. झारखंड के लोग इस लड़ाई में कड़ा जवाब देंगे और विजयी बनकर सामने आएंगे. इससे पहले हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर शुक्रवार (2 फरवरी) को संसद में भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया और इसे बदली की कार्रवाई कहा.
हेमंत के खिलाफ क्या हैं आरोप?
ईडी जिस मामले में हेमंत सोरेन पर कार्रवाई कर रही है, वह जमीन और खनन घोटाला से जुड़ा है. सोरेन को इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत जांच के संबंध में 10 समन जारी किए गए थे. जांच एजेंसी दो प्रमुख मामलों की जांच कर रही है, जिसमें राज्य की राजधानी में अवैध खनन और जमीन घोटाला शामिल है. जमीन घोटाले का मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा हुआ है. फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-फरोख्त हुई. इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज करके जांच शुरू की थी. इसके अलावा ईडी 2022 से राज्य में अवैध खनन से हुई आय के 100 करोड़ रुपये की जांच कर रही है.
I strongly condemn the unjust arrest of Shri Hemant Soren, a strong tribal chief. The vindictive act by BJP-backed central businesses reeks of a deliberate conspiracy to undermine a popularly elected authorities.
He is a detailed buddy of mine, and I vow to face unwaveringly by his…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 2, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से किया इनकार
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हेमंत सोरेन की याचिका पर हस्तक्षेप करने से शुक्रवार (2 फरवरी) को इनकार कर दिया. सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी से राहत के लिए हाई कोर्ट जाने को कहा.
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