Pijush Hazarika On AIMIM: असम सरकार ने बाल विवाह को समाप्त करने के लिए असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को रद्द करने की मंजूरी दे दी है. इस मामले पर एआईएमआईएम की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आने पर असम सरकार में मंत्री पीयूष हजारिका ने पलटवार किया है.
पीयूष हजारिका ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो साझा किया, जिसमें एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान बीजेपी पर निशाना साधते हुए देखे जा रहे है.
…मुस्लिम विरोधी कैसे- पीयूष हजारिका
वीडियो को शेयर करते हुए पीयूष हजारिका ने लिखा, ”एक छोटी लड़की और एक वयस्क पुरुष के बीच विवाह की अनुमति देने वाले 89 साल पुराने कानून को रद्द करना मुस्लिम विरोधी कैसे हो जाता है?”
उन्होंने लिखा, ”मुस्लिम नेताओं को घृणित सामाजिक बुराइयों के पक्ष में खड़े होने के बजाय परिपक्वता से काम करने और हमारी बेटियों के हितों के साथ खड़े होने की जरूरत है.”
AIMIM का बीजेपी पर निशाना
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से शेयर किए गए वीडियो में वारिस पठान ने कहा है, ”बीजेपी सरकार एंटी मुस्लिम सरकार है. हिमंत बिस्वा सरमा जो असम में लाए हैं कानून, ये तो संविधान का उल्लंघन है… हम इसीलिए कह रहे हैं कि बीजेपी की सरकार को मुसलमानों से नफरत है… इनको हमारे खाने-पीने से नफरत है, पहले ट्रिपल तलाक का लेकर आ गए, अब ये मैरिज का लेकर आ गए.”
उन्होंने कहा, ”ये चुनाव से पहले पोलराइज करने की कोशिश की जा रही है और ये एक सोची-समझी साजिश है यूसीसी लाने के लिए…”
How does repealing a 89 12 months previous legislation that allows the wedding between a small lady and an grownup male turn out to be anti Muslim ?
Muslim leaders have to act maturely and stand alongside facet the curiosity of our daughters relatively than standing for abhorrent social evils. https://t.co/HMp9ZEMB9U
— Pijush Hazarika (@Pijush_hazarika) February 24, 2024
असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा क्या बोले?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘इस अधिनियम में भले ही वर की आयु 21 वर्ष और वधू की आयु 18 वर्ष न हो तो भी विवाह पंजीकरण की अनुमति देने का प्रावधान था. जो (देश के) कानून के अनुसार विवाह के लिए वैध आयु होती है. यह कदम (कानून को निरस्त किया जाना) राज्य में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है.’’
On 23.22024, the Assam cupboard made a big choice to repeal the age-old Assam Muslim Marriages & Divorces Registration Act. This act contained provisions permitting marriage registration even when the bride and groom had not reached the authorized ages of 18 and 21, as required…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 23, 2024
कांग्रेस के विधायक अब्दुल रशीद मंडल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों के वर्ष में अधिनियम को निरस्त करने का निर्णय लेकर सरकार मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है… यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण निर्णय के अलावा और कुछ नहीं है.
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