Holi 2024 How West Bengal Dol Jatra Festival is different from Holi Know details

Date:


पश्चिम बंगाल समेत कुछ और राज्यों में इसे डोल जात्रा, डोला पूर्णिमा, डोल उत्सव और देउल आदि नामों से जाना जाता है.

पश्चिम बंगाल समेत कुछ और राज्यों में इसे डोल जात्रा, डोला पूर्णिमा, डोल उत्सव और देउल आदि नामों से जाना जाता है.

यह एक तरह का हिंदू झूला उत्सव है और इस दौरान भगवान कृष्ण और राधा को झूले पर झुलाया जाता है. यह पश्चिम बंगाल के अलावा ब्रज क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा, असम, त्रिपुरा में होली के दौरान मनाया जाता है.

यह एक तरह का हिंदू झूला उत्सव है और इस दौरान भगवान कृष्ण और राधा को झूले पर झुलाया जाता है. यह पश्चिम बंगाल के अलावा ब्रज क्षेत्र, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा, असम, त्रिपुरा में होली के दौरान मनाया जाता है.

यह त्योहार भगवान कृष्ण-राधा की जोड़ी को समर्पित है और बुराई पर अच्छाई की जीत और वसंत के आगमन के रूप में माना जाता है.

यह त्योहार भगवान कृष्ण-राधा की जोड़ी को समर्पित है और बुराई पर अच्छाई की जीत और वसंत के आगमन के रूप में माना जाता है.

डोल जात्रा को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है. यह त्योहार होलिका और भक्त प्रह्लाद की कहानी से जुड़ा है.

डोल जात्रा को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है. यह त्योहार होलिका और भक्त प्रह्लाद की कहानी से जुड़ा है.

डोल जात्रा उत्सव सामान्यतः मार्च में पड़ता है और दो दिनों तक इसकी धूम देखने को मिलती है. त्योहार के पहले दिन फागुन पूर्णिमा या होलिका दहन होता है और दूसरे दिन रंगपंचमी पड़ती है. पर्व के दौरान लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं.

डोल जात्रा उत्सव सामान्यतः मार्च में पड़ता है और दो दिनों तक इसकी धूम देखने को मिलती है. त्योहार के पहले दिन फागुन पूर्णिमा या होलिका दहन होता है और दूसरे दिन रंगपंचमी पड़ती है. पर्व के दौरान लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं.

डोल जात्रा मुख्य रूप से पूर्वी भारत में मनाया जाता है और यह वह पर्व है जो उस समय को चिह्नित करता है जब भगवान कृष्ण राधा से फिर मिले और तब उन्होंने उनसे प्रेम का इजहार किया था.

डोल जात्रा मुख्य रूप से पूर्वी भारत में मनाया जाता है और यह वह पर्व है जो उस समय को चिह्नित करता है जब भगवान कृष्ण राधा से फिर मिले और तब उन्होंने उनसे प्रेम का इजहार किया था.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, होली और डोल जात्रा एक ही पर्व के प्रतीक हैं पर ये होली से जुड़ी अलग-अलग कथाओं को बताते हैं.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, होली और डोल जात्रा एक ही पर्व के प्रतीक हैं पर ये होली से जुड़ी अलग-अलग कथाओं को बताते हैं.

Published at : 24 Mar 2024 08:44 AM (IST)

इंडिया फोटो गैलरी

इंडिया वेब स्टोरीज


Nilesh Desai
Nilesh Desaihttps://www.TheNileshDesai.com
The Hindu Patrika is founded in 2016 by Mr. Nilesh Desai. This website is providing news and information mainly related to Hinduism. We appreciate if you send News, information or suggestion.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related