Congress On Global Hunger Index: ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की रिपोर्ट में भारत के दुनिया के 125 देशों में से 111वें रैंक पर पहुंचने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार को भले ही वैश्विक आंकड़े से एलर्जी है, लेकिन भारतीय आंकड़े भी कहते हैं कि लोग भूखे रह रहे हैं. वहीं सरकार ने जीएचआई को लेकर कहा कि ये आकंड़ा त्रृटिपूर्ण है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया एख्स पर लिखा, ‘‘मोदी सरकार को किसी भी महत्वपूर्ण वैश्विक डेटा से एलर्जी है, लेकिन भारतीय डेटा भी कहता है कि हमारे लोग भूखे रह रहे हैं! मोदी सरकार इस बात से इनकार कर सकती है कि वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान 2022 में 121 देशों में से 107वां था जो 2023 में 125 देशों में 111वें पर पहुंच गया.’’
मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या सवाल किए?
खरगे ने सवाल सवाल किया, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि पांच साल से कम उम्र के 35.5 प्रतिशत बच्चे तुलनात्मक रूप से छोटे कद के है? इसका मतलब यह कि उम्र के साथ उनकी लंबाई नहीं बढ़ी है. क्या यह सच नहीं है कि भारत में 19.3 प्रतिशत बच्चे कमज़ोर हैं? इसका मतलब है कि उनका वजन उनके कद के संदर्भ में राष्ट्रीय औसत से कम है. ’’
खरगे का कहना था, ‘‘क्या यह गलत है कि हमारी 15 से 49 वर्ष की आयु की 57 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं? क्या यह झूठ है कि मोदी सरकार के बजट (2023-24) में खाद्य सब्सिडी में 31.28 प्रतिशत की आश्चर्यजनक कमी देखी गई, यानी इसकी एक तिहाई राशि कम कर दी गई?’’
Modi Govt is allergic to any crucial Global Data, however even INDIAN information says that our individuals are going hungry!
Modi Govt can deny that India’s rank within the Global Hunger Index slipped from 107th out of 121 nations in 2022 to 111th out of 125 nations in 2023.
But would they… pic.twitter.com/uX3K4iFZli
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 13, 2023
सरकार ने क्या कहा?
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक तय करने में मेथडलाजिकल. की समस्या है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘ सूचकांक में त्रृटिपूर्ण तरीके से भूख का आकलन किया गया है और इसमें प्रविधि की गंभीर समस्या है. चार में से तीन संकेतक बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते. चौथा सबसे अहम संकेतक ‘‘आबादी में कुपोषितों का अनुपात’’ महज 3000 नमूनों के आधार पर किए गए ओपिनियन पोल पर आधारित है.’’
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ पोषण ट्रैकर पर माहवार आंकड़ों को देखें तो चाइल्ड वेस्टिंग का प्रतिशत लगातार 7.2 प्रतिशत से नीचे है जबकि वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में चाइल्ड वेस्टिंग 18.7 प्रतिशत बताई गई है. ’’इसमें कहा गया कि चौथे संकेतक बाल मृत्युदर में ऐसा कोई सबूत नहीं दिया गया है कि जिससे साबित हो कि यह भूख से जुड़ा है.
ग्लोबल हंगल इंडेक्स में क्या है?
वैश्विक भूख सूचकांक-2023 बृहस्पतिवार (12 अक्टूबर) को जारी किया गया, इसके मुताबिक देश में चाइल्ड वेस्टिंग की दर सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत है. पिछले साल भारत का दुनिया के 121 देशों में 107वां स्थान था. ,भारत को 28.7 अंक मिले हैं जो भूख के गंभीर स्तर को इंगित करता है.
इस सूचकांक में भारत से बेहतर स्थिति पड़ोसी देशों की है और इसमें पाकिस्तान को 102वां, बांग्लादेश को 81वां, नेपाल को 69वां और श्रीलंका को 60वां स्थान दिया गया है.
इनपुट भाषा से भी.
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