Bihar Political Scenario: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने की चर्चा तेज होती जा रही है. कहा ये भी जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू मिलकर सरकार बना सकते हैं. मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि ये नीतीश कुमार को क्लियर करना चाहिए वो किधर हैं?
उन्होंने कहा, “बिहार में जो माहौल खड़ा हो गया है, इसे नीतीश कुमार को ही आ कर क्लियर करना पड़ेगा. इससे इंडिया गठंधन कमजोर होता है. यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो क्लियर करें. बंगाल में ममता बनर्जी भी कह रही हैं कि वे बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगी. नीतीश जी ने ही इंडिया की शुरुआत की थी. नीतीश जी इन तमाम बातों को साफ नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनकी पार्टी पर शक जाता है.”
वहीं ज्ञानवापी मामले पर राशिद अल्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को रीशेड्यूल करना चाहिए. ताकि यह नई बाबरी मस्जिद न बन जाए.
बिहार की राजनीति में फिर उठापटक
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक प्रमुख चेहरा हैं और एक बार फिर उनके पलटी मारने की खबरें सामने आ रही हैं. इसको लेकर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. दोनों ही तरफ से नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं लेकिन मामला क्लियर होता नहीं दिख रहा है क्योंकि किसी ने खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दी है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इतना जरूर कहा है कि अभी इंतजार करना चाहिए, केंद्रीय नेतृत्व सही फैसला करेगा.
गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तेजस्वी यादव
जेडीयू के एनडीए में शामिल होने की खबरों को बल उस समय और मिला जब बिहार में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे. इसके बारे में जब नीतीश कुमार से पूछा गया कि वो क्यों नहीं आए तो उन्होंने कहा कि जो नहीं आया, वही बता सकता है कि वो क्यों नहीं आया.
इसके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्हें तो पहले से ही इस बात का एहसास था कि आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगा. बिहार में खेला होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये तो कोई भी व्यक्ति समझ सकता है कि खेला हो रहा है या नहीं.
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