PM Modi On UCC: प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने गुरुवार (31 अक्टूबर) को सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती पर गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की. राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के लिए एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो हर साल 31 अक्टूबर को पटेल की जयंती के मौके पर मनाया जाता है.
पीएम मोदी ने कहा, “इस बार राष्ट्रीय एकता दिवस एक अद्भुत संयोग लेकर आया है. एक तरफ आज हम एकता का पर्व मना रहे हैं तो दूसरी तरफ दीपावली का भी पर्व है.” उन्होंने आगे कहा कि रोशनी का त्योहार न केवल “देश को रोशन करता है” बल्कि इसने भारत को बाकी दुनिया से जोड़ना भी शुरू कर दिया है.
उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से व्हाइट हाउस में दिवाली मनाने के एक दिन बाद आई है, जिसमें 600 से अधिक प्रतिष्ठित भारतीय अमेरिकी उपस्थित थे. उन्होंने कहा, “यह (दिवाली) कई देशों में राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है.”
जल्द सच्चाई होगा एक देश एक चुनाव और यूसीसी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव, जिसका उद्देश्य देश में सभी चुनावों को एक ही दिन या एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर एक साथ कराना है, जल्द ही स्वीकृत हो जाएगा और एक वास्तविकता बन जाएगा. प्रस्ताव को इस साल की शुरुआत में कैबिनेट की ओर से मंजूरी दी गई थी और इसे इस साल के अंत में संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “हम अब ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, भारत के संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग होगा और देश को विकसित भारत के सपने को साकार करने में नई गति मिलेगी. आज भारत ‘एक राष्ट्र एक नागरिक संहिता’ की ओर बढ़ रहा है, जो एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता है.”
देश की सुरक्षा को लेकर क्या पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि देश में उनकी सरकार के पिछले 10 सालों के शासन में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कई खतरों को खत्म किया गया है. उन्होंने कहा, “आतंकवादियों के ‘आकाओं’ को अब पता है कि भारत को नुकसान पहुंचाने से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि भारत उन्हें नहीं छोड़ेगा.”
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्रों को परेशान करने वाले मुद्दों को “बातचीत, विश्वास और विकास” के माध्यम से सुलझाया गया है. उन्होंने कहा, “बोडो और ब्रू-रियांग समझौतों ने शांति और स्थिरता स्थापित की है. नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के समझौते ने लंबे समय से चली आ रही अशांति को खत्म कर दिया है. भारत शांति, विकास और समृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है. हमने असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को काफी हद तक सुलझा लिया है.”
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