Telangana Assembly Election News: तेलंगाना में इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव से पहले सियासी पारा गर्म हो चुका है. सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे को घेरने में लगे हैं. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से कुछ दिन पहले ही भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी के मन में तेलंगाना के प्रति केवल नफरत और दुश्मनी है. उन्होंने मोदी को स्वतंत्र भारत में ‘अक्षम और अयोग्य पीएम’ बताया. केटी रामा राव ने कई और मुद्दों पर प्रधानमंत्री को घेरने की कोशिश की.
‘तेलंगाना के लोगों से माफी मांगें मोदी’
तेलंगाना के गठन पर की गई टिप्पणी के लिए केटी रामा राव ने मांग की कि पीएम 1 अक्टूबर को महबूबनगर में सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने से पहले राज्य के निर्माण पर तेलंगाना के लोगों का अपमान करने के लिए माफी मांगें. प्रधानमंत्री को कृष्णा जल में तेलंगाना की हिस्सेदारी और पलामुरु-रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने पर स्पष्टीकरण देना होगा.
‘पीएम का बयान, बुद्धि की कमी को दर्शाता है’
मंगलवार को तेलंगाना भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केटी रामा राव ने कहा कि “पीएम ने हाल ही में संसद सत्र के दौरान तेलंगाना पर जहर उगला और झूठ फैलाया कि 2014 में नए राज्य के गठन के बाद तेलंगाना के लोगों ने जश्न नहीं मनाया. यह पहली बार नहीं है, जब मोदी ने तेलंगाना के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. यह कहना कि मां को मारकर बच्चे (तेलंगाना) को बाहर निकाला गया, यह उनके ज्ञान और बुद्धि की कमी को दर्शाता है. जब 14 साल के राज्य के संघर्ष को साकार किया गया, तो लोगों ने आलमपुर से आदिलाबाद तक पूरे राज्य में जश्न मनाया.”
‘बीजेपी सरकार जानकर पैदा कर रही बाधा’
उन्होंने कहा कि “बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने 2014 में मुख्यमंत्री बनने के एक महीने बाद नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और उनसे पीआरएलआईएस को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने और कृष्णा जल में तेलंगाना के हिस्से के रूप में 575 टीएमसी फीट तय करने का आग्रह किया था, लेकिन पिछले 10 साल से मोदी के पास जल बंटवारे के मुद्दे को कृष्णा ट्रिब्यूनल में भेजने का समय नहीं है.” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने परियोजना मंजूरी और डीपीआर की मंजूरी में भी बाधाएं पैदा कीं.
बीआरएस शासन का अपना मॉडल
केटीआर ने कहा, “विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जमानत जब्त हो जाएगी. इस बार भगवा पार्टी कुल 119 सीटों में से 110 सीटों पर जमानत नहीं बचा पाएगी.” उन्होंने आगे कहा, तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, राजनीतिक दल मतदाताओं के सामने शासन के अपने मॉडल पेश कर रहे हैं. भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात और उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार की सफलता की कहानियों को उजागर कर रही है. कांग्रेस कर्नाटक में अपनी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि बीआरएस पूरे देश के लिए शासन का अपना मॉडल प्रस्तावित कर रही है.
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