Supreme Court on Mathura Dalmia Farm House Case: मथुरा स्थित डालमिया फार्म हाउस में पिछले दिनों 454 हरे पेड़ों को काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (29 नवंबर 2024) को इन पेड़ों की कटाई के लिए जिम्मेदार उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के अधिकारियों एवं डालमिया फार्म हाउस पक्ष को कोर्ट ने अवमानना का नोटिस भी जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अधिकारियों और डालमिया फार्म हाउस के पक्ष के लोगों को नोटिस जारी कर 16 दिसंबर तक जवाब मांगा है. यही नहीं, कोर्ट ने इसके अलावा डालमिया फार्म हाउस पर कोई भी निर्माण होने पर रोक लगा दी है. बता दें कि छटीकरा वृंदावन मार्ग स्थित डालमिया फार्म हाउस में खड़े 454 पेड़ों को 18 सितंबर की रात को काट दिया गया था.
मीडिया में मामला सामने आने के बाद हुई थी कार्रवाई
मीडिया में मामला सामने आने के बाद वन विभाग, नगर निगम और विद्युत विभाग की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 31 लोगों को जेल भी भेजा था. हालांकि करीब 1 महीने बाद ये लोग जमानत के बाद जेल से बाहर आ गए थे.
थानाध्यक्ष को करनी होगी इस बात की निगरानी
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में ये भी साफ किया है कि यदि कहीं पर पेड़ों को काटने की अनुमति है तो उस स्थिति में भी शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे के बीच इन्हें नहीं काटा जा सकता. इसकी निगरानी की जिम्मेदारी हर थानाध्यक्ष की होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही वृंदावन के छटीकरा स्थित डालमिया बाग में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं. एसएसपी मथुरा को सभी आरोपितों को नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दयालबाग के माथुर फार्म हाउस का सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) को परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. जिससे पेड़ों को अवैध रूप से काटने वालों पर जुर्माना राशि बढ़ाने पर विचार करने के लिए प्रदेश सरकार को आदेश दिया जा सके.
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