Supreme Court on VVPAT seeks ECI and Central Government on plea to count all VVPAT slips

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Supreme Court on VVPAT Slips: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 अप्रैल, 2024) को आम चुनावों में सभी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की पूरी गिनती की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने भारत चुनाव आयोग (ECI) और बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने अरुण कुमार अग्रवाल और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर याचिकाओं पर ध्यान देते हुए ईसीआई को नोटिस जारी किया.

याचिका में दर्ज कराई गई है ये आपत्तियां

याचिका में आयोग के दिशानिर्देशों को भी चुनौती दी गई है कि VVPAT वेरिफिकेशन एक के बाद एक सीक्वेंस के हिसाब से किया जाएगा, जिससे अनावश्यक देरी होगी. याचिका में कहा गया है, “यदि एक साथ सत्यापन किया जाता है और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारियों को तैनात किया जाता है, तो पूरा वीवीपैट सत्यापन 5-6 घंटों में किया जा सकता है.”

VVPAT की 20 हजार पर्चियां ही सत्यापित

केंद्र सरकार ने लगभग 24 लाख वीवीपैट की खरीद पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन वर्तमान में केवल लगभग 20,000 वीवीपैट की पर्चियां ही सत्यापित हैं. इस अंतर को देखते हुए ही वीवीपैट और ईवीएम के संबंध में विशेषज्ञों की तरफ से कई सवाल उठाए जा रहे हैं और यह तथ्य कि अतीत में ईवीएम और वीवीपैट वोटों की गिनती के बीच बड़ी संख्या में कमियां सामने आई हैं, यह जरूरी है कि सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाए.

कांग्रेस ने किया इसका स्वागत 

इस बीच कांग्रेस ने शीर्ष अदालत के संज्ञान को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इस मामले पर लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले फैसला किया जाना चाहिए. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट के मुद्दे पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. यह लगातार दोहराया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने I.N.D.I.A ब्लॉक के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है. पार्टी के नेता ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए 100 प्रतिशत वीवीपैट की मांग कर रहे हैं.”

क्या है VVPAT?

वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं. भारत में पहली बार 2014 के लोकसभा चुनावों में पेश किया गया था. आसान शब्दों में कहें तो वीवीपीएटी ईवीएम से जुड़ी एक बैलेट-रहित प्रणाली है जो एक मतदाता की ओर से ईवीएम पर उम्मीदवार के नाम और पार्टी के प्रतीक के सामने अपना वोट डालने पर एक पेपर स्लिप प्रिंट करती है.  जैसे ही मतदाता ईवीएम पर बटन दबाता है, वीवीपैट मशीन उस पर्ची को प्रिंट कर देती है जिसमें उस पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न होता है, जिसे उन्होंने वोट दिया है.

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Nilesh Desai
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