Draupadi Murmu Released 3 Publications of SC: सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रकाशित तीन पुस्तकों का आज मंगलवार (05 नवंबर) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विमोचन किया. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ सुप्रीम कोर्ट के अन्य वरिष्ठ जज भी मौजूद थे.
यह पुस्तकें हैं- (i) राष्ट्र के लिए न्याय: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 75 वर्षों पर विचार (ii) भारत में जेलें: सुधार और भीड़ कम करने के लिए जेल नियमावली और उपायों का मानचित्रण और (iii) लॉ स्कूलों के माध्यम से कानूनी सहायता: भारत में कानूनी सहायता कोशिकाओं के कामकाज पर एक रिपोर्ट. किताबों की विमोचन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि “हमारी न्याय वितरण प्रणाली को एक न्यायपूर्ण और न्यायपूर्ण समाज के रूप में हमारी प्रगति को मजबूत करना चाहिए. मुझे यह देखकर खुशी हुई कि कानूनी सहायता कक्षों के कामकाज पर आज जारी की गई रिपोर्ट हमारे देश में कानून स्कूलों में संचालित कानूनी सहायता क्लीनिकों को समर्पित है.”
कैदियों की स्थिति को लेकर राष्ट्रपति ने व्यक्त की चिंता
राष्ट्रपति ने कहा कि, “ऐसे कानूनी सहायता क्लीनिक हमारे युवाओं को समग्र कानूनी शिक्षा प्रदान करने और उन्हें हमारे समाज के कमजोर वर्गों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनाने में योगदान देते हैं.” इस दौरान जेल में रह रहे विचाराधीन कैदियों की स्थिति को लेकर राष्ट्रपति ने अपनी चिंता भी व्यक्त की. राष्ट्रपति ने कहा कि “विचाराधीन कैदियों की स्थिति मेरे लिए एक स्थायी चिंता का विषय रही है. मुझे खुशी है कि जेल प्रणाली पर आज जारी रिपोर्ट में विचाराधीन कैदियों की संख्या कम करने में न्यायपालिका की भूमिका को समझने का प्रयास किया गया है.”
क्या बोले CJI चंद्रचूड़
पुस्तकों के विमोचन के बाद डी वाइ चंद्रचूड़ ने कहा कि आज जिन पुस्तकों का विमोचन हुआ है उनमें से एक न्यायालय की स्थापना के बाद उसके न्याय शास्त्र का विश्लेषण करता है जबकि अन्य दो पुस्तक यूनिवर्सिटी में कानून सहायता प्रकोष्ठ के कामकाज और जिलों की स्थिति को बयां कर रहे हैं.
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