Manipur Violence: मणिपुर में मई से हिंसा जारी है. इस बीच राज्य के कुकी समुदाय से आने वाले दस विधायकों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दावे को खारिज करते हुए कहा कि हम उनके संपर्क में नहीं है. विधायकों ने ज्वाइंट प्रेस नोट जारी कर बताया कि एन बीरेन सिंह के ऐसे दावा हमारे और कुकी वर्ग के बीच अविश्वास पैदा करने की चाल हो सकता है.
एमएलए ने कहा कि हमारी बीरेन सिंह से मई 2023 से ही बात नहीं हुई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ये स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि एन बीरेन सिंह ने कहा है कि कुकी वर्ग के 10 विधायक उनके संपर्क में हैं.
विधायकों ने क्या कहा?
कुकी नेताओं ने कहा कि हमारी मंशा नहीं है कि एन बीरेन सिंह से हम बात करें. ज्वाइंट प्रेस नोट पर सभी विधायकों ने साइन किए है. इन 10 एमएलए में से सात बीजेपी, दो कुकी पीपुल्स अलायंस और एक निर्दलीय है. इन सभी ने अलग प्रशासन की मांग करते हुए कहा कि ऐसा करके फिर से शांति कायम होगी.
कुकी विधायकों ने 29 अगस्त को हो रहे विधानसभा सत्र में भाग लेने से भी मना किया है क्योंकि राज्य में हिंसा अब भी चल रही है.
मणिपुर में हिंसा कब शुरू हुई?
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने पर राज्य में तीन मई को पहली बार हिंसा भड़की थी. इसमें 150 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
वहीं कई लोगों के घर जला दिए गए हैं. इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है. नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है.
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