Agni Keli: कर्नाटक के मैंगलोर में श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर स्थित है. मां दुर्गा को समर्पित ये मंदिर हिंदू धर्म में बेहद ही खास माना जाता है. लोग इसे कतील मंदिर के नाम भी जानते हैं. मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां हर साल एक-दूसरे पर जलती मशाल फेंकी जाती है. इसकी वजह एक खास परंपरा है. मैंगलोर शहर से 30 किमी की दूरी पर स्थित दुर्गापरमेश्वरी मंदिर अपनी ‘अग्नि केली’ परंपरा के लिए जाना जाता है. आग से खेले जाने वाले इस खेल में सैकड़ों लोग हिस्सा लेते हैं.
अग्नि केली परंपरा अप्रैल के महीने में आठ दिनों तक चलती है. इसमें एक-दूसरे पर जमकर जलती हुई मशालों को फेंका जाता है. दूर से देखने पर पर तो मानो ऐसा लगता है कि जैसे ही कोई ‘महायुद्ध’ चल रहा हो. अंधेरी रात में जब हवा में मशालों को उड़ते हुए देखा जाता है तो ऐसा लगता है कि जैसे कोई मिसाइल लॉन्च हो रही हो. अगर कोई इस परंपरा के दौरान घायल हो जाता है तो उसके जख्मों को तुरंत पवित्र पानी से धोया जाता है. ये पूरा घमासान 15 मिनट तक चलता है.
दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में मनाई गई ‘अग्नि केली’ परंपरा
वहीं, शनिवार (20 अप्रैल) रात एक बार फिर से श्री दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में अग्नि केली का आयोजन हुआ. इसमें लोगों को भगवा कपड़े लपेटे और हाथों में जलती हुई मशालों को लेकर मंदिर की ओर बढ़ते हुए देखा गया. मशाल लेकर होने वाले इस संग्राम को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ भी जुटी हुई थी. वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों तरफ दो गुट मौजूद हैं, जो एक-दूसरे पर जलती हुई मशालें फेंक रहे हैं. इस दौरान लोगों ने इस घटना को अपने कैमरों में भी रिकॉर्ड किया.
VIDEO | Visuals of ‘Agni Keli’ custom being carried out at Kateel Shri Durgaparameshwari Temple in Mangalore, Karnataka.
(Full video out there on PTI Videos – https://t.co/dv5TRARJn4) pic.twitter.com/1jIKE5Y0KW
— Press Trust of India (@PTI_News) April 21, 2024
दो गांव आतुर और कलत्तर के लोगों के बीच में अग्नि केली होती है. लोग नारियल की छाल से बनी मशाल को लेकर पहुंचते हैं और फिर 15 मिनट तक एक-दूसरे के ऊपर फेंकते रहते हैं. मशाल को एक-दूसरे पर 5 बार ही फेंकने का नियम है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अग्नि केली से दुख कम हो जाते हैं. अग्नि केली की शुरुआत मेष संक्रांति दिवस की पूर्व संध्या से ही हो जाती है और लोगों की भीड़ मंदिर में जुटना आरंभ हो जाता है.
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