Opposition On Jack Dorsey Interview: ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक डोर्सी के किसानों के प्रदर्शन को लेकर किए गए दावों ने देश में सियासी हलचल बढ़ा दी है. डोर्सी ने सरकार पर दबाव का आरोप लगाया है. सरकार ने इसे झूठ करार देते हुए कहा कि डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी. वहीं, कांग्रेस और आप समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार की कड़ी आलोचना की है. 10 बड़ी बातें-
1. डोर्सी ने यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग प्वाट्स को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि ”भारत सरकार ने 2020 और 2021 में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर सरकार की आलोचना वाले खातों और पोस्ट को हटाने का अनुरोध नहीं मानने पर कंपनी का कामकाज बंद करने और उसके कर्मचारियों पर छापे मारने की धमकियों के साथ दबाव बनाया था.” ट्विटर के सीईओ के पद से डोर्सी ने 2021 में इस्तीफा दे दिया था.
2. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस के राजनैतिक वंशज जो स्वतंत्रता के आंदोलन में हिन्दुस्तानियों के खिलाफ खडे़ होकर अंग्रेजों के पक्ष में लड़े वो ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान पर राष्ट्रवाद का ढोंग न रचे. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ”देश को शर्मिंदा करने में बीजेपी अव्वल है. अंग्रेजों की गुलामी से बीजेपी ने केवल तानाशाही की टूलकिट अपनाई है. खरगे ने कुछ प्वाइंट भी मंगलवार (13 जून) को ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ”किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार ने क्या कुछ नहीं किया. खुद प्रधानमंत्री मोदी जी ने अन्नदाता किसानों को आंदोलनजीवी बुलाया.
3. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”यूपी के मुख्यमंत्री ने किसानों पर विदेशी फंडिंग लेने का आरोप लगाया. बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं ने किसानों को नक्सली, आतंकवादी और देशद्रोही बुलाया. कंटीले तार, सीमेंट की दीवारें, रोड पर कीलें बिछाकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश की. उनपर लाठियों से जुल्म ढाए. 750 किसानों की जान गई. उनको श्रद्धांजलि और मुआवजा देना तो दूर, उन शहीदों के लिए संसद में एक मिनट का मौन भी नहीं रखा. 1.48 लाख किसान आज भी किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस लड़ने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र खत्म करने की भाजपाई साजिश को हम नाकाम करते रहेंगे.
4. वहीं, सरकार की ओर से डोर्सी के बयानों को झूठा बताकर खारिज कर दिया गया है. सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा और पारदर्शी लोकतंत्र है. भारत में जब भी चुनाव नजदीक होते हैं तो कुछ विदेशी ताकतें और यहां उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीके से देश को अस्थिर और बदनाम करने के लिए सक्रिय होते हैं.’’ उन्होंने दावा किया कि जैक डोर्सी सफेद झूठ बोल रहे हैं.
5. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को खारिज करते हुए ट्वीट किया, ‘‘डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई जेल नहीं गया और ना ही ट्विटर बंद किया गया.’’ चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, ‘‘डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था. उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने आखिरकार अनुपालन शुरू किया.’’ उन्होंने कहा ‘‘एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके कानूनों का भारत में संचालित सभी कंपनियां पालन करें.”
6. चंद्रशेखर ने कहा कि जनवरी 2021 में प्रदर्शनों के दौरान अनेक दुष्प्रचार किए गए और यहां तक कि नरसंहार की खबरें थीं जो कि निश्चित रूप से फर्जी थीं. उन्होंने कहा कि सरकार इस मंच से गलत सूचनाओं को हटाने के लिए बाध्य थी क्योंकि फर्जी खबरों के आधार पर हालात और बिगड़ने की आशंका थी. उन्होंने कहा, ‘‘जैक के समय ट्विटर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का यह स्तर था कि उन्हें भारत में इस मंच से गलत सूचनाओं को हटाने में दिक्कत थी, जबकि अमेरिका में अनेक घटनाओं में उन्होंने खुद ऐसा किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैक के समय ट्विटर के मनमाने, खुल्लम खुल्ला पक्षपातपूर्ण और भेदभाव वाले रवैये और उस अवधि में इसके मंच पर उनके अधिकारों के दुरुपयोग के अनेक प्रमाण हैं जो अब सार्वजनिक हैं.’’
7. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ”वैश्विक स्तर पर स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच ट्विटर तक पर जब बीजेपी सरकार दबाव डाल सकती है तो देश के मीडिया का क्या कहना. दुनियाभर में देश की छवि खराब करने के लिए बीजेपी सरकार ‘भारत देश’ से माफी मांगे.
8. ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ”अगर देश के अंदर किसान आंदोलन को रोकने की कोशिश की गई तो ये तो गलत बात है.”
9. मामले पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ट्वीट करते हुए कहा, “अनुरोध या इस मामले में छिपी हुई धमकी! जैक डोर्सी के हालिया एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे बीजेपी सरकार की ओर से किसानों के विरोध और सरकार की आलोचना करने वालों के एकाउंट के ब्लॉक करने के लिए रिक्वेस्ट की गई थी. अनुपालन ने करना? कैसा रहेगा अगर हम आपके प्लेटफॉर्म को बंद कर दें, अपने कर्मचारियों के घरों पर छापा मारें और अपने कार्यालयों को बंद कर दें.”
10. टीएमसी ने आगे कहा, “इदी अमीन ने एक बार कहा था- फ्रीडम ऑफ स्पीच है लेकिन स्पीच देने के बाद फ्रीडम की गारंटी मैं नहीं दे सकता. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे अपने मार्गदर्शक सिद्धातों में से एक बनाया है.”
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