India Russia Relation: भारत ने गुरुवार (19 सितंबर 2024) को उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय हथियार निर्माताओं की ओर से बेचे गए तोप के गोले यूरोपीय ग्राहकों की ओर से यूक्रेन भेजे गए थे.
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने रिपोर्ट को “अटकलबाजी और भ्रामक” बताते हुए कहा कि भारत के पास सैन्य और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात पर अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन का एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड है.
‘हर मानदंडों का किया जाता है पालन’
विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर कहा कि हमने रॉयटर्स की रिपोर्ट देखी है. यह अटकलबाजी और भ्रामक है. इसमें भारत की ओर से नियमों का उल्लंघन का संकेत दिया गया है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है और इसलिए यह रिपोर्ट गलत और शरारती है. भारत अपने रक्षा निर्यात का अप्रसार अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को ध्यान में रखते हुए और अपने खुद के मजबूत कानूनी और नियामक ढांचे के आधार पर कर रहा है, जिसमें अंतिम यूजर्स दायित्वों और प्रमाणन सहित प्रासंगिक मानदंडों का पूरी तरह से मूल्यांकन शामिल है.”
रूस के विरोध के बाद भी हस्तक्षेप न करने का आरोप
बता दें कि अपनी रिपोर्ट में रॉयटर्स ने दावा किया है कि रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा में सहायता के लिए भारत में बने गोला-बारूद का हस्तांतरण एक साल से अधिक समय से चल रहा है. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारतीय हथियार निर्यात नियम घोषित खरीदार तक ही हथियारों के उपयोग को सीमित करते हैं, जो अनधिकृत हस्तांतरण होने पर भविष्य में बिक्री समाप्त होने का जोखिम उठाते हैं, लेकिन रूस के विरोध के बाद भी नई दिल्ली ने व्यापार को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया है.
इन दो मौकों पर रूस की ओर से आपत्ति जताने का दावा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉस्को ने कम से कम दो मौकों पर इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें जुलाई में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच हुई बैठक भी शामिल है. दो भारतीय सरकारी और दो रक्षा उद्योग स्रोतों के हवाले से समाचार एजेंसी ने दावा किया कि नई दिल्ली ने यूक्रेन की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे गोला-बारूद की बहुत कम मात्रा का उत्पादन किया है. एक अधिकारी ने अनुमान लगाया कि यह युद्ध के बाद से कीव की ओर से आयात किए गए कुल हथियारों का 1 प्रतिशत से भी कम है.
यंत्र कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने दी जानकारी
यंत्र इंडिया के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि गैर-सूचीबद्ध इतालवी रक्षा ठेकेदार मेकेनिका पेर एल’इलेक्ट्रॉनिका ई सर्वोमेकेनिज्मी (एमईएस) यूक्रेन को भारत निर्मित गोले भेजने वाली कंपनियों में से एक थी. यंत्र इंडिया एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है जिसके हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन की ओर से किया जा रहा है.
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