Chief Justice Of India Who will Become CJI After DY Chandrachud Justice Sanjiv Khanna

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Justice Sanjiv Khanna: धनंजय यशवंत (डीवाई) चंद्रचूड़ मौजूदा देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) हैं. उन्हें 9 नवंबर 2022 को नियुक्त किया गया था और इस साल नवंबर में रिटायर होने वाले हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के हाल ही में इलेक्ट्रोरल बॉन्ड को लेकर किए फैसले की चर्चा देशभर में हुई और इसी तरह के अन्य फैसले भी रहे हैं जिनको लेकर डीवाई चंद्रचूड़ को याद किया जाएगा. अब ऐसे में एक सवाल सभी के मन में कौंध रहा है कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होन के बाद देश का अगला मुख्य न्यायाधीश कौन होगा?

वरिष्ठता को अगर देखा जाए तो जस्टिस संजीव खन्ना हैं, जो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं. मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में सबसे सीनियर जस्टिस संजीव खन्ना हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में अंतरिम जमानत देने के लिए चर्चा में रहे हैं, जिसमें उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था.

तो आइए जानते हैं जस्टिस संजीव खन्ना के बारे में

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को नई दिल्ली में हुआ था. उनके पिता जस्टिस देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में रिटायर हुए और उनकी मां सरोज खन्ना एलएसआर, डीयू में हिंदी लेक्चरर थीं. जस्टिस खन्ना ने अपनी शुरुआती शिक्षा दिल्ली के मॉर्डन पब्लिक स्कूल से साल 1977 में हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और इसके बाद जस्टिस खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के कैंपस लॉ सेंटर (सीएलसी) में कानून की पढ़ाई की.

जस्टिस खन्ना का करियर

जस्टिस संजीव खन्ना वकीलों और न्यायाधीशों के परिवार से आते हैं. उनके पिता दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में रिटायर हुए. उनके चाचा, जस्टिस हंस राज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज थे और उन्होंने एडीएम जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला मामले में एकमात्र असहमति वाला फैसला सुनाया था. जस्टिस एमएच बेग ने उन्हें सीजेआई के पद से हटा दिया था और इसके विरोध में उन्होंने 1977 में इस्तीफा दे दिया था.

जस्टिस संजीव खन्ना की बात करें तो उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में दाखिला लिया. संजीव खन्ना जून, 2005 में दिल्ली ही कोर्ट के एडिशन जज और फरवरी, 2006 में दिल्ली हाई कोर्ट के पर्मानेंट जज बने. जनवरी, 2019 में उन्हें भारत के सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया.

जस्टिस संजीव खन्ना के चर्चित केस

एक वकील के रूप में, जस्टिस संजीव खन्ना ने संवैधानिक कानून, मध्यस्थता और वाणिज्यिक मामलों, प्रत्यक्ष कर, कंपनी और भूमि कानून, प्रदूषण कानून और चिकित्सा लापरवाही के क्षेत्र में अभ्यास किया है. सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, “उन्होंने अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में और कोर्ट के न्याय मित्र के रूप में नियुक्ति पर दिल्ली हाई कोर्ट में कई आपराधिक मामलों में भी बहस की थी.”

एक जज के रूप में हाल ही में, जस्टिस संजीव खन्ना जस्टिस दीपांकर दत्ता के साथ दो-न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा थे. इस पीठ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी. अरविंद केजरीवाल दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 50 दिनों से अधिक समय तक सलाखों के पीछे थे. आप सुप्रीमो को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. इस मामले के अलावा, जस्टिस खन्ना ने ईवीएम में वोटों के वीवीपैट के साथ क्रॉस-सत्यापन की मांग करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया.

जस्टिस संजीव खन्ना उन कई मामलों का भी हिस्सा रहे हैं जिन्हें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उठाया था.

ये भी पढ़ें: ‘जज न तो कहीं के राजकुमार हैं और न ही संप्रभु’, CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा?


Nilesh Desai
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