Cabinet Briefing Big Points: केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार (3 अक्टूबर, 2024) को नवरात्रि के पहले दिन कुछ बड़े फैसले लिए, जो कि किसानों से लेकर मिडिल क्लास और भारतीय भाषाओं से सीधे तौर पर जुड़े हैं. किसानों की आय बढ़ाने और मिडिल क्लास के लिए फूड सिक्योरिटी से जुड़ी योजनाओं पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंजूर की गई ये योजनाएं देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाने पर केंद्रित हैं.
पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत कुल 1,01,321 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई है. इस योजना का मकसद कृषि क्षेत्र में सुधार लाकर किसानों की आय को बढ़ावा देना है. योजना में विशेष ध्यान वैल्यू चेन को विकसित करने और डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने पर दिया जाएगा. इसके साथ ही कृषि इंफ़्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में भी काम किया जाएगा.
सरकार ने नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-ऑयलसीड्स के लिए 10,103 करोड़ रूपए की योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत अगले छह वर्षों तक (FY31 तक) काम किया जाएगा. इसका मकसद देश में तिलहन के उत्पादन क्षेत्र को 29 मिलियन हेक्टेयर से बढ़ाकर 33 मिलियन हेक्टेयर करना है, ताकि खाद्य तेलों की पैदावार में वृद्धि हो सके.
भारतीय भाषाओं को दिया बढ़ावा
किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए सरकार ने पीएम आशा योजना का भी विस्तार किया है. इसके तहत किसानों को उनकी फसल के उचित दाम सुनिश्चित किए जाएंगे. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर देते रहे हैं.
इस कड़ी में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया, और बंगाली भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मंजूरी दी गई है. इन योजनाओं का उद्देश्य देश के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है, साथ ही मध्यवर्ग के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना भी इन योजनाओं का प्रमुख लक्ष्य है.
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