उत्तर प्रदेश के बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर एक नया विवाद सामने आया है. राजस्थान की अजमेर दरगाह और संभल की जामा मस्जिद के बाद अब बदायूं की इस ऐतिहासिक मस्जिद को महादेव मंदिर बताया जा रहा है.
इस मामले में शनिवार (30 नवंबर 2024) को विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 3 दिसंबर तय की है. हाल ही में संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद यह मामला और संवेदनशील हो गया है, जिससे तनाव बढ़ता जा रहा है.
ओवैसी ने क्या कहा?
बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है. अदालत में 2022 में केस किया गया था और उसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी. ASI (जो भारत सरकार के तहत काम करती है) और उत्तर प्रदेश सरकार भी केस में पार्टी हैं. दोनों सरकारों को 1991 एक्ट के अनुसार अपनी बात रखनी होगी.”
उन्होंने कहा, “शर पसंद हिंदुत्ववादी तंजीमें किसी भी हद तक जा सकती हैं, उन पर रोक लगाना भारत के अमन और इत्तिहाद के लिए बेहद जरूरी है. देश को सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना चाहिए, वरना आने वाली पीढ़ियां एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की पढ़ाई के बजाय एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की खुदाई में व्यस्त हो जाएंगी.”
बदायूं उत्तर प्रदेश की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया गया है । अदालत में 2022 में केस किया गया था और उसकी अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। ASI (जो भारत सरकार के तहत काम करती है) और उ.प्र सरकार भी केस में पार्टी हैं । दोनों सरकारों को 1991 एक्ट के अनुसार अपनी बात रखनी होगी।शर पसंद…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 30, 2024
अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार (30 नवंबर 2024) को विशेष अदालत में मुस्लिम पक्ष को अपनी दलीलें पेश करने के लिए बुलाया गया था. इससे पहले अदालत ने हिंदू पक्ष की दलीलें सुनी थीं. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले को अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी.
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