<p model="text-align: justify;">मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार (1 सितंबर, 2024) को महिलाओं की सुविधा के लिए अदालतों के बुनियादी ढांचे में सुधार के मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि ड्रिस्ट्रिक्ट अदालतों का बुनियादी ढांचा सिर्फ 6.7 फीसदी ही महिलाओं के अनुकूल है. उन्होंने कहा कि अदालतों में महिलाओं को सुरक्षित वातावरण होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों में बेबीकेयर के लिए क्रेच, मेडिकल फैसिलिटी, ई-सेवा केंद्र और वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसे अरेंजमेंट भी करने चाहिए.</p>
<p model="text-align: justify;">जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि स्थिति को बदलने की जरूरत है और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अदालतें समाज के सभी सदस्यों के लिए सुरक्षित और सहज वातावरण प्रदान करें.</p>
<p model="text-align: justify;">मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हमें बिना किसी सवाल के इस तथ्य को बदलना होगा कि जिला स्तर पर हमारी अदालतों के बुनियादी ढांचे का केवल 6.7 प्रतिशत ही महिलाओं के अनुकूल है. क्या यह आज ऐसे देश में स्वीकार्य है, जहां कुछ राज्यों में भर्ती के बुनियादी स्तर पर 60 या 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं? हमारा ध्यान सुलभता उपायों को बढ़ाने पर है, जिसे बुनियादी ढांचे के ऑडिट के माध्यम से समझा जा सकता है.'</p>
<p model="text-align: justify;">सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अदालतों में चिकित्सा सुविधाएं, शिशुगृह (क्रेच), ई-सेवा केंद्र जैसी सुविधाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के उपकरण होने चाहिए. इन प्रयासों का उद्देश्य न्याय तक पहुंच बढ़ाना है.'</p>
<p model="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ‘स्वाभाविक रूप से, हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हमारी अदालतें हमारे समाज के सभी सदस्यों, विशेषकर महिलाओं और अन्य कमजोर समूहों जैसे विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों और सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य के सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करें.'</p>
<p model="text-align: justify;">उन्होंने यह भी कहा कि हाल में संपन्न पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में लगभग 1,000 मामलों का निपटारा पांच कार्य दिवसों के भीतर सौहार्दपूर्ण ढंग से किया गया. दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सुप्रीम कोर्ट ने किया. सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति <a title="द्रौपदी मुर्मू" href="https://www.abplive.com/topic/droupadi-murmu" data-type="interlinkingkeywords">द्रौपदी मुर्मू</a> ने समापन भाषण दिया और कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिह्न का अनावरण भी किया. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और जस्टिस सूर्यकांत ने भी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया.</p>
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'क्या आज यह देश में स्वीकार्य है, इसे बदलना होगा', अदालतों में महिलाओं की सुरक्षा पर CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कही ये बात
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