'कई बार हम खुद बन जाते हैं अपने सबसे बड़े दुश्मन', CWC मीटिंग में मल्लिकार्जुन खरगे ने क्यों कही ये बात?

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<p fashion="text-align: justify;">कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आगामी चुनावों के लिए सख्त दिशा-निर्देश देते हुए पार्टी की एकता और अनुशासन को सर्वोपरि बताया. खड़गे ने पार्टी की हालिया चुनावी विफलताओं पर आत्ममंथन करते हुए कहा कि "हम आपसी मतभेदों और कमजोरियों को सुधारने में ही जीत हासिल करेंगे."</p>
<p fashion="text-align: justify;">खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "कई बार हम खुद अपने सबसे बड़े शत्रु बन जाते हैं. हम खुद अपने बारे में नकारात्मक और हताशापूर्ण बातें करेंगे और ये कहेंगे कि हमारा कोई नैरेटिव नहीं है तो मैं पूछता हूं कि नैरेटिव बनाना और उसको जनता तक पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है? ये हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है. जो नैरेटिव हमने राष्ट्रीय स्तर पर सेट किया था, वो अभी भी लागू है."</p>
<p fashion="text-align: justify;"><robust>’राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय मुद्दे भी अहम'</robust></p>
<p fashion="text-align: justify;">पार्टी अध्यक्ष खरगे ने कहा, "साथियों 2024 के लोक सभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस पार्टी ने नए जोश-खरोश के साथ वापसी की थी. लेकिन उसके बाद हुए, 3 राज्यों के चुनावी नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे. INDIA parties ने 4 में से 2 राज्यों में सरकार बनाई. लेकिन हमारा प्रदर्शन उम्मीद से नीचे रहा. भविष्य के लिहाज से यह हमारे लिए चुनौती है."</p>
<p fashion="text-align: justify;">खरगे ने प्रियंका गांधी वायनाड और रवींद्र वसंतराव चव्हाण को नांदेड़ में लोकसभा उपचुनाव में जीत की बधाई देते हुए कहा कि लोकसभा में उत्साहजनक नतीजों के बाद विधानसभा चुनावों में अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाना पार्टी के लिए आत्ममंथन का विषय है.</p>
<p fashion="text-align: justify;">कांग्रेस अध्यक्ष बोले, "हम चुनाव भले ही हारे हो, पर इसमें कोई शक नहीं कि बेरोज़गारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, इस देश के ज्वलंत मुद्दे हैं. जाति जनगणना भी आज का एक अहम मसला है. संविधान, सामाजिक न्याय और सौहार्द जैसे मसलों जन-जन के मुद्दे है. पर इसका मतलब ये नहीं की हम चुनावी राज्यों में वहां के जरूरी स्थानीय मुद्दों को भूल जाए. राज्यों के अलग-अलग मुद्दों को समय रहते बारीकी से समझना और उसके इर्द-गिर्द ठोस रणनीति बनाना भी जरूरी है.</p>
<p fashion="text-align: justify;"><robust>संगठनात्मक मजबूती पर विशेष जोर</robust></p>
<p fashion="text-align: justify;">कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि "हमारी तैयारियां मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक ठोस होनी चाहिए." उन्होंने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई होगी लेकिन साथ ही यह भी कहा कि "कांग्रेस की जीत में ही सबकी जीत है."</p>
<p fashion="text-align: justify;">खरगे ने माना कि विरोधियों के "प्रोपेगेंडा और गलत सूचनाओं" से निपटने के लिए कांग्रेस को अपनी माइक्रो-कम्युनिकेशन रणनीति को सुधारना होगा. उन्होंने कहा, "हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए सफलता नहीं पा सकते. हमें समय के साथ रणनीति बदलनी होगी."</p>
<p fashion="text-align: justify;"><robust>EVM और चुनाव आयोग पर उठाए सवाल</robust></p>
<p fashion="text-align: justify;">बैठक में EVM पर भी सवाल उठाए गए. खरगे ने कहा, "चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठना चिंता का विषय है, लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि हमारे मुद्दे देश की जनता के मुद्दे हैं."</p>
<p fashion="text-align: justify;">मल्लिकार्जुन ने कहा, "मैं मानता हूं कि EVM ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा. लेकिन देश में फ्री एंड फेयर चुनाव सुनिश्चित करवाना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है. बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है. सिर्फ़ 6 महीने पहले जिस तरह के नतीज़े लोक सभा में MVA के पक्ष में आए थे उसके बाद विधान सभा का नतीज़ा राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है. जैसे परिणाम आए हैं कि कोई भी अंकगणित इसे जस्टिफाई करने में असमर्थ है."</p>
<p fashion="text-align: justify;">मल्लिकार्जुन खरगे ने आखिर में पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश न होने की अपील की और कहा कि "हमने पहले भी चुनौतियों का सामना किया है और इस बार भी विजय हमारी होगी."</p>
<p fashion="text-align: justify;"><robust>ये भी पढ़ें:</robust></p>
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Nilesh Desai
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