जानी-मानी लोक गायिका शारदा सिन्हा मंगलवार (पांच नवंबर, 2024) को नहीं रहीं. 72 साल की सिंगर ने छठ महापर्व के पहले दिन दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका इलाज चल रहा था. उनकी शख्सियत का कैनवास इतना बड़ा था कि उनके निधन के बाद सिने जगत ही नहीं बल्कि सियासत के भी बड़े-बड़े लोगों ने उनके गुजरने पर श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवार के दुख जताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा, “सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अपनी मधुर आवाज़ से पाँच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊँचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ. बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म जगत को मंत्रमुग्ध करतीं रहीं. पूर्वांचल के लोक संस्कार उनकी आवाज़ के बिना अधूरे लगते हैं. इस छठ महापर्व पर उनका स्वर भक्तों को निश्चय ही और भी भावुक करेगा. दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों के साथ हैं. छठी मैया दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें. ॐ शांति शांति शांति.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “शारदा सिन्हा के निधन से मुझे अत्यंत दुख हुआ है. वे एक बहुमुखी प्रतिभा की धनी लोक गायिका थीं जिन्होंने भोजपुरी भाषा को जन-जन के बीच लोकप्रिय बनाया. उनके गीतों को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे. उनके निधन से लोक संगीत की दुनिया ने एक प्रभावी स्वर खो दिया है. दुःख की इस घड़ी में मैं उनके शोकाकुल परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ. ॐ शान्ति.”
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, “प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर बहुत दुखद है. उन्होंने अपने संगीत से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का काम किया. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें.”
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ बोले, “प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर उन्हें सम्मान दिलाया. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!”
देखें, ABP News को दिया शारदा सिन्हा का आखिरी इंटरव्यूः
शारदा सिन्हा 21 अक्टूबर से दिल्ली ऐम्स में भर्ती थी। साल 2017 नवंबर में उन्हें कैंसर की बीमारी का पता चला। जिसके बाद कई महीने मुम्बई में इलाज हुआ। 2018 में पद्म भूषण मिला। इसके बाद से दिल्ली एम्स में उनका इलाज हो रहा था। मल्टीपल मायलोमा से ग्रस्त थी शारदा सिन्हा। 21 अक्टूबर को एम्स में भर्ती होने के बाद आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रही, बीते दिन उनकी हालत बिगड़ने पर उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। मंगलवार रात 9:20 पर दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली।