एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला, श्याम सुंदर पाठक Updated Fri, 16 Aug 2019 10:08 AM IST
स्वतंत्रता के बाद से जी.एस.टी. सबसे बड़े कर सुधार के रूप में वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए लागू किया गया था। एक राष्ट्र, एक कर एक बाजार पर आधारित जी.एस.टी. एक ऐसे कर सुधार के रूप में हमारे सामने आता है। जिसके पूर्व एक ही वस्तु के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मूल्य होते थे। 1 जुलाई 2017 को जी.एस.टी. के लागू होने के उपरांत से अब तक 48 लाख नए टैक्स प्रदाता जुड़ चुके हैं और इनकी संख्या अब एक करोड़ पार कर चुकी हैं। 1 जुलाई 2017 को जहां टैक्स प्रदाता कुल 64 लाख थे वहीं अब इनकी संख्या बढ़ कर (अक्टूबर-2018) 1.14 करोड हो गई है। वहीं मार्च 2019 में जी.एस.टी. कलेक्शन में 1.06 ट्रिलियन रुपए के आकड़े को छू चुका है। जी.एस.टी. के उद्धव से लेकर अब तक जहां जी.एस.टी. ने अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है वहीं रोजगार के नए अवसर भी प्रदान किए हैं।
विज्ञापन
इसी को ध्यान में रखते हुए वस्तु एवं सेवा कर में जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर का प्रावधान किया गया है। जी.एस.टी. को प्रभावी ढंग से लागू करने एवं जी.एस.टी. के रिटर्न फाइल करने के लिए जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। चूंकि वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित अधिवक्ताओं एवं चार्टर एकाउंटेंट की संख्या जी.एस.टी. के तेजी से बढ़ते आकार को देखते हुए अपर्याप्त साबित हो रही है तो वही जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर के रूप में अच्छी खासी कमाई के द्वार खोल दिए हैं। सवा करोड़ टैक्स प्रदाता व्यापारियों में से अधिकांश मध्यम एवं लघु व्यापारी हैं, जिनके लिये चार्टर अकाउंटेंट की महंगी फीस देना मुश्किल होता है उनके लिए जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरता है। इसलिये आज मैं इस लेख के माध्यम से यह बताने की कोशिश करूगां, कि जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर की क्या योग्यता होती है एवं कैसे कोई व्यक्ति जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर के रूप में अच्छी खासी आय प्राप्त कर सकता है?
जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो रिटर्न फाइल करने जैसे अनेक कार्यों को करने के लिए भारत सरकार से अनुमोदित एवं कर प्रदाता द्वारा कर भरने के लिये अधिकृत किया गया है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानदण्डों पर खरा उतरने वाला व्यक्ति जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर बनने के लिये आवेदन करता है और भारत सरकार के संबंधित विभाग द्वारा इसका आवेदन स्वीकृत कर लिए जाने के बाद उसका प्रमाण-पत्र एवं प्रशिक्षण दिया जाता है उसके बाद वह व्यक्ति किसी अन्य करदाता की ओर से टैक्स सम्बन्धी कार्यों के लिये करदाता द्वारा अधिकृत किया जा सकता है।
जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर करदाता की तरफ से निम्नलिखित कार्य करता है:- बाह्य आपूर्ति (आउटवर्ड सप्लाई) एवं आवेश आपूर्ति (इनवर्ड सप्लाई) का ब्यौरा देना, मासिक तथा त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करना, वार्षिक या अंतिम रिटर्न दाखिल करना, रिफंड के लिए आवेदन करना, जी.एस.टी. पंजीकरण के संशोधन के लिए आवेदन फाइल करना, जी.एस.टी. पंजीकरण रद्द करने जैसे कई कार्य जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर को करने होते है।
शैक्षणिक एवं सामान्य योग्यता –
कोई भी व्यक्ति जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित शैक्षणिक एवं सामान्य मानदण्डों पर खरा उतरता हो, वह व्यक्ति जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर बनने के लिए आवेदन कर सकता है। उसके लिए आवश्यक योग्यता इस प्रकार है: व्यक्ति आवश्यक रूप से भारत का नागरिक हो, व्यक्ति का साउंड माइंड होना आवश्यक है ( साउंड माइंड से तात्पर्य सोचने एवं कारणों का विश्लेषण करने एवं समझने की क्षमता से है), व्यक्ति दिवालिया न हो, किसी भी कोर्ट द्वारा किसी अपराध के लिये दोषी न ठहराया गया हो।
अनुभव संबंधित योग्यता –
- कोई भी व्यक्ति जो राज्य वाणिज्य कर विभाग या केन्द्रीय सीमा शुल्क विभाग से सेवानिवृत्त व्यक्ति जो कम से कम दो साल के लिए अपने कार्यकाल में अपने समूह बी राजपत्रित अधिकारी की रैंक या उसके आसपास की रैंक में रहा हो।
- कोई भी व्यक्ति जिसने वाणिज्य, कानून, या बैंकिंग में स्नातक या स्नातक की डिग्री किसी कानूनी रूप से स्थापित यूनिवर्सिटी से हासिल की हो। इसमें एम.बी.ए., बिजनेस मैनेजमेंट को भी सम्मिलित किया गया है।
- वह व्यक्ति जिसने इस प्रयोजन हेतु सरकार द्वारा अधिसूचित कोई परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
- वह व्यक्ति जिसने किसी भारतीय विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की हो तथा निम्नलिखित परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
1 : भारत के चार्टर अकाउंटेट्स द्वारा आयोजित अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
2 : भारत की लागत लेखा संस्थान के अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
उपर्युक्त योग्यता वाला कोई भी व्यक्ति जी.एस.टी. के आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करके जी.एस.टी. प्रैक्टिश्नर बन सकता है। एक जी.एस.टी. प्रैक्टिश्नर बनने के बाद आप एक वर्ष के अंदर प्रति माह बड़ी सुगमता से 30 से 50 हजार प्रतिमाह तथा इससे अधिक भी कमा सकते है। चूंकि जी.एस.टी. एक विशेषज्ञ प्रकृति का कार्य है, अतः जी.एस.टी. प्रैक्टिश्नर को एक्ट की जितनी अच्छी जानकारी होगी एंव रिटर्न फाइल करने एवं रिफण्ड के लिए आवेदन करने जैसे अनेक कार्यो की अप-टू डेट जानकारी होगी उतना ही उसकी इनकम बढती जाएगी।
जी.एस.टी. अपार संभावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है जहां अच्छा ज्ञान रखने वाले व्यक्ति के लिए आगे बढने और अच्छी आय की अपार संभावना है। जी.एस.टी. एक अनंत आकाश की तरह है, जहां विशेषज्ञ योग्यता रखने वाले व्यक्ति के लिये अवसर ही अवसर हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
Related